
गुजरात की काली छाया अब भी नोबल विजेता अमर्त्य सेन को परेशान करती है. प्रसून जोशी की
अध्यक्षता वाली केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने एनआरआई फिल्म मेकर सुमन घोष की सेन
पर बनी फिल्म ‘द अर्गूमेंटीव इंडियन’ को मंजूरी दे दी है.
बोर्ड ने सेन से कहा था कि वह फिल्म से ‘गुजरात’ शब्द हटाने को कहा था. यह शब्द सेन ने अपने भाषण
में प्रयोग किया था, जब वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में साल 2002 के गुजरात दंगों पर दे रहे थे. सीबीएफसी ने
इसके लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
बता दें कि यह फिल्म जुलाई में रिलीज नहीं हो पाई थी. सुमन घोष ने तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष पहलाज
निहलानी के गाय और गुजरात शब्द को बीप करने के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था. बता दें
कि 60 मिनट की इस फिल्म को लेकर काफी विवाद था.
11 जुलाई को जब यह फिल्म सेंसर बोर्ड में दिखाई गई थी तो फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने की
बात कही गई थी, क्योंकि इसमें हिंदू, गाय, हिंदुत्व का एक अलग नजरिए से इस्तेमाल किया गया था.
14 जुलाई को 101 सेकेंड के ट्रेलर को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था.
फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद घोष ने कहा, मुंबई में स्क्रिनिंग देखने के बाद प्रसून जोशी ने एक
ईमानदार निर्णय लिया है. उन्हें फिल्म अच्छी लगी और हमारे बीच स्वस्थ बातचीत हुई.